ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ?,Noise pollution in hindi

ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ?,Noise pollution in hindi – विकास के इस युग में अन्य प्रदूषण ओं की भांति ध्वनि प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण ने भी एक गंभीर समस्या का रूप धारण कर लिया है। इसीलिए आज hindivaani आज आपके लिए लेकर आया हैं एक महत्वपूर्ण टॉपिक – ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है।( Noise pollution in hindi) इसके अंतर्गत आपको ध्वनि स्तर का मापन कैसे करते है।ध्वनि प्रदूषण के स्रोत, ध्वनि प्रदूषण के रोकने के उपाय आदि के बारे में चर्चा की जॉयेगी। तो आइए शुरू करते है और पढ़ते है। ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है, प्रभाव, स्रोत।

ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ? ( Noise pollution in hindi)

ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ? ( Noise pollution in hindi)
ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ? ( Noise pollution in hindi)

ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ? ( Noise pollution in hindi)

ध्वनि एक विशेष प्रकार के दाब तरंग है ।जिस का संचालन प्रायः वायु द्वारा होता है।किसी वस्तु से उत्पन्न आवाज जब कानों की सहन सीमा से अधिक हो जाती है।तो वह अप्रिय लगने लगती है।इसे शोर या अधिक ऊंची आवाज कहते हैं। दूसरे शब्दों में अवांछित आवाज जिससे मानव के कानों में दर्द व कष्ट का अनुभव हो ध्वनि प्रदूषण कहलाता है।उच्च तीव्रता वाले ध्वनि को अवांछित आवाज कहते हैं।

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ध्वनि स्तर का मापन कैसे करते है ?

सामान्य रूप से ध्वनि का मापन डेसीबल से किया जाता है। साधारण 40 -45 डेसीबल की आवाज को कर्णप्रिय एवं 70- 75  डेसीबल तक सरलता से सहनीय माना जाता है। इस सीमा से अधिक तेज आवाज ध्वनि प्रदूषण के अंतर्गत सम्मिलित की जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार 120 – 140 DB ध्वनि कष्टप्रद एवम मन को अस्थिर करने वाली होती है।भारतीय मानक संस्थान ने 90 dB ध्वनि को मानक ध्वनि माना हैं।

ध्वनि प्रदूषण के स्रोत

ध्वनि प्रदूषण के स्रोत निम्नलिखित हैं।

1. प्राकृतिक प्रदूषण – प्राकृतिक प्रदूषण के अंतर्गत निम्नलिखित तत्व आते हैं।

  1. बादलों की गर्जना।
  2. विद्युत की गर्जन।
  3. तीव्र तूफानी पावने।
  4. भयंकर तूफान।
  5. भयंकर जल वृष्टि।
  6. ऊंचे पर्वतों से गिरते जल की ध्वनि।
  7. भूकंप ।
  8. ज्वार भाटा।

2.कृत्रिम स्रोत- कृत्रिम श्रोत के अंतर्गत निम्नलिखित तत्व आते है।

  1. उधोग धंधे एवम मशीने।
  2. परिवहन के साधन।
  3. मनोरंजन के साधन एवम सामाजिक क्रिया कलाप।

ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव –

ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव मनुष्य के स्वास्थ्य एवं मस्तिष्क दोनों पर पड़ता है।उच्च ध्वनि से ह्रदय गति प्रभावित होती है। ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है।तथा पाचन तंत्र में असमानताएं उत्पन्न हो जाती हैं। समग्र रूप से ध्वनि प्रदूषण मानव को निम्नलिखित रूप से प्रभावित करता है।

  • वाणी बाधा।
  • निंद्रा में व्यवधान।
  • श्रवण शक्ति में ह्रास
  • प्राण घातक दुर्घटनाएं
  • मनोवैज्ञानिक प्रभाव।
  • आर्थिक प्रभाव।
  • मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव।

ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के उपाय –

ध्वनि प्रदूषण के रोकथाम के उपाय निम्नलिखित हैं।

  1. वाहनों से तीव्र एवं कर्कश आवाज वाले प्रेशर प्रेशर कर्कश आवाज वाले प्रेशर प्रेशर हार्न के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
  2. सभी प्रकार के वाहनों के शोर को कम करने के लिए साइलेंसर लगाना कानूनी रूप से आवश्यक कर देना चाहिए।
  3. वायु पत्तनों तथा कल कारखानों का स्थापन सघन जनसंख्या क्षेत्रों से दूर किया जाना चाहिए।
  4. मोटर वाहनों में तीव्र एवं बहुत होने वाले हारने बजाने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
  5. मशीनों में ग्रीस लगाकर उन्हें चिकना रखना चाहिए।जिससे उनमें खड़खड़ आहट की आवाज कम आए आए।
  6. सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
  7. ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जनता को शिक्षित एवं जागरूक करना चाहिए।

आशा हैं कि हमारे द्वारा दी गयी ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ? ( Noise pollution in hindi)आपको काफी पसंद आई होगी। यदि ध्वनि प्रदूषण किसे कहते है ?( Noise pollution in hindi)  आपको पसन्द आयी हो तो इसे अपने दोस्तों से जरूर शेयर करे।

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