मूल्यांकन का अर्थ सोपान और उद्देश्य|Meaning and definition of evaluation in hindi

मूल्यांकन का अर्थ , सोपान और उद्देश्य|Meaning and definition of evaluation in hindi::मूल्यांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी छात्र ने कितना ज्ञान प्राप्त किया है उसकी जानकारी प्राप्त की जाती है।आज आपको hindivaani मूल्यांकन का अर्थ , मूल्यांकन की परिभाषा, मूल्यांकन के सोपान, मूल्यांकन के उद्देश्य, सतत मूल्यांकन, व्यापक मूल्यांकन, की जानकारी प्रदान करेगा।

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मूल्यांकन का अर्थ (Meaning of Evaluation )

मूल्यांकन का शाब्दिक अर्थ है – मूल्य का अंकन।हम जानते हैं कि मापन द्वारा केवल किसी वस्तु ,प्राणी अथवा किसी क्रिया की विशेषता को मानक शब्दों चिन्ह अथवा इकाई अंकों में प्रकट किया जाता है ।मूल्यांकन में मापन के इन परिणामों की व्याख्या की जाती है ।और यह व्याख्या कुछ सामाजिक ,सांस्कृतिक अथवा वैज्ञानिक मानदंडों के आधार पर की जाती है।

मूल्यांकन की परिभाषा

मूल्यांकन की परिभाषाये निम्नलिखित हैं।

कोठारी आयोग के अनुसार मूल्यांकन की परिभाषा –

” मूल्यांकन एक क्रमिक प्रक्रिया है। यह संपूर्ण शिक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग है।और यह शिक्षण लक्ष्यों से घनिष्ठ रूप से संबंधित है।”

ब्रेडफील्ड एवं मोरडेक के अनुसार

“मूल्यांकन किसी सामाजिक सांस्कृतिक अथवा वैज्ञानिक मानदंड के संदर्भ में किसी घटना को प्रतीक आवंटित करना है जिससे उस घटना का महत्व अथवा मूल्य ज्ञात किया जा सके”

रेमर्स और गेज के अनुसार

“मूल्यांकन में व्यक्ति या समाज या दोनों की दृष्टि से तो अच्छा है अथवा वांछनीय है उसको मान कर चला जाता है।”

टार्गेर्सन एन्ड एडम्स के अनुसार

“मूल्यांकन का अर्थ किसी वस्तु या प्रक्रिया का मूल्य निश्चित करना है।इस प्रकार शैक्षिक मूल्यांकन से तात्पर्य है शिक्षण प्रक्रिया तथा सीखने की क्रियाओं से उत्पन्न अनुभवों की उपयोगिता के बारे में निर्णय देना। “

मूल्यांकन का अर्थ , सोपान और उद्देश्य,Meaning and definition of evaluation in hindi

Meaning and definition of evaluation in hindi

मूल्यांकन प्रक्रिया के सोपान

उद्देश्यों का निर्धारण
(1) सामान्य उद्देश्यों का निर्धारण
(2)विशिष्ट उद्देश्य का निर्धारण व परिभाषिकरण

●अधिगम क्रियाओं का आयोजन

(1)शिक्षण बिंदुओं का चयन करना
(2) उपयुक्त अधिगम क्रियाएं आयोजित करना

मूल्यांकन

(1)छात्रों के व्यवहार परिवर्तन को जानना
(2) प्राप्त साक्ष्य के आधार पर मूल्यांकन
(3)परिणामों को पृष्ठपोषण के रूप में प्रयुक्त करना

शिक्षा में मूल्यांकन के उद्देश्य एवं कार्य –

शिक्षा में मूल्यांकन के उद्देश्य एवं कार्य निम्नलिखित है।

पूर्वकथन – पूरे कथन का आशय है कि व्यक्ति की वर्तमान की क्षमताओं में योग्यताओं को देखकर उसके भविष्य के बारे में घोषणा करना। मूल्यांकन के माध्यम से बालक के भविष्य के विषय में अनुमान लगाया जा सकता है।तथा यह कहा जा सकता है कि बालक की से विशेष विशेष में आगे चलकर सफल होगा।

तुलना – प्रत्येक अध्यापक का यह जानना आवश्यक हो जाता है।कि एक साथ दूसरे छात्र की अपेक्षा किस प्रकार से प्रगति कर रहा है। उदाहरण – एक इंस्टिट्यूट के छात्र दूसरे इंस्टिट्यूट के हाथों से आ गए हैं तो क्यों ?

अन्वेषण एवं शोध कार्य – कोई भी शिक्षा से संबंधित अनुसंधान या शोध बिना मापन एवं मूल्यांकन की पूरा नहीं हो सकता है।मापन एवं मूल्यांकन के द्वारा हमें जो आंकड़े प्राप्त होते हैं उनके आधार पर हम किसी निष्कर्ष पर निकलते हैं।

संशोधन – मापन एवं मूल्यांकन के द्वारा ही शिक्षक अपनी वीडियो में संशोधन करते हैं। और उन्हें पता चल जाता है कि कौन सी विधि द्वारा ज्यादा उपयोगी है।तथा किस किस के द्वारा पढ़ाने से ज्यादा छात्र लाभान्वित होंगे।

मूल्यांकन के क्षेत्र

मूल्यांकन के क्षेत्र के अंतर्गत छात्र के व्यक्तित्व के निम्नलिखित अंग है।

ज्ञान – मूल्यांकन इस बात का तुम किया जाता है कि छात्र ने भी सब अच्छे संबंधित इतना ज्ञान प्राप्त किया है।

कुशलताये – कुशलता का संबंध पाठ विषय से संबंधित कुशलताओं से हैं।

रुचियां – इनका संबंध किसी वस्तु की क्रिया को पसंद करने या ना करने से अभिरुचि परीक्षणों का आयोजन इसी उद्देश्य से किया जाता है।

योग्यताएं – छात्रों की योग्यताओं का ज्ञान करना योग्यताएं सामान्य तथा विशिष्ट दोनों प्रकार के होते हैं।

सूचना – छात्र ने ज्ञान के संबंध में कितने सूचना का संकलन किया है।

सतत और व्यापक मूल्यांकन का अर्थ

सतत तथा व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है छात्रों के विद्यालय आधारित मूल्यांकन की प्रणाली जिसमें छात्र के विकास के सभी पक्ष शामिल हो।
सतत शब्द का अर्थ होता है निरंतर चलने वाली प्रक्रिया। जो संपूर्ण अध्यापन अधिगम प्रक्रिया में निर्मित है और शैक्षिक सत्र के पूरे कार्यक्रम में यह चलती रहती है।

दूसरे शब्द व्यापक का अर्थ है कि इस योजना में छात्रों की वृद्धि और विकास के शैक्षिक तथा सह शैक्षिक दोनों ही पक्षों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है। चूंकि क्षमताएं मनोवृत्ति और अभिरुचियां अपने आप को लिखित शब्दों के अलावा अन्य रूप में प्रकट करती है। अतः यह शब्द विभिन्न साधनों और तकनीकों के प्रयोग के लिए उपयोग किया जाता है।

मूल्यांकन की प्रविधियां

1.परीक्षा
●लिखित
● मौखिक
● निबंधात्मक
● वस्तुनिष्ठ
●प्रयोगात्मक
● निबंधात्मक

2.अवलोकन
● मापनी
● चैक लिस्ट
● संचयी अभिलेख
●ऐनक डोटल आलेख

3.स्व सूचना
◆प्रश्नावली ●खुली ● बंद
●अभिवृत्ति मापनी
● समाजमितित तालिका

4.साक्षात्कार
●नैदानिक साक्षात्कार
● शोध साक्षात्कार
●निदानात्मक साक्षात्कार
● केंद्रित साक्षात्कार

5.प्रक्षेपण
●मसिलक्ष्य प्रत्यक्षीकरण
●चित्र व्याख्या
●वाक्य पूर्ति

6.समाजमिति
● सोशियोग्राम
● समाजमिति

मूल्यांकन की शिक्षा में आवश्यकता एवं महत्व

मूल्यांकन की शिक्षा में निम्न आवश्यकता एवं महत्व है।

  1. सीखने की प्रेरणा
  2. पाठ्यक्रम में परिवर्तन
  3. शिक्षण में उन्नति
  4. निर्देशन एवं परामर्श में सहायक
  5. परीक्षा प्रणाली में सुधार
  6. विद्यालयों में सुधार

मूल्यांकन से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न –

मूल्यांकन की प्रविधियां कौन कौन सी हैं ?

मूल्यांकन की दो प्रविधियां हैं।
गुणात्मक प्रविधि
संख्यात्मक प्रविधि

मूल्यांकन के क्षेत्र कौन कौन से है ? 

मूल्यांकन के दो क्षेत्र हैं।
संस्थागत क्षेत्र।
व्यक्तिगत क्षेत्र।

मूल्यांकन का अर्थ क्या है ? 

मूल्यांकन वह नवीन तकनीकी पड़ हैं जो मापन के व्यापक पड़ को प्रस्तुत करता हैं।

मूल्यांकन के कितने सोपान होते है ? 

मूल्यांकन प्रक्रिया के मुख्य तीन सोपान होते है।
1.शैक्षिणिक उद्देश्यों के निर्धारण एवं परिभाषिकरण।
2.अधिगम अनुभव की योजना बनाना।
3.व्यवहार परिवर्तन के आधार पर मूल्यांकन।

Final word –

आशा हैं कि हमारे द्वारा दी गयी मूल्यांकन का अर्थ और परिभाषा की जानकारी आपको काफी ज्यादा पसन्द आयी होगी। यदि यह जानकारी Meaning and definition of evaluation in hindi आपको पसन्द आयी हो।तो इसे अपने दोस्तों से जरूर शेयर करे। साथ ही साथ हमे कॉमेंट बॉक्स में लिख कर इसके बारे में जानकारी वरदान करे। धन्यवाद

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8 thoughts on “मूल्यांकन का अर्थ सोपान और उद्देश्य|Meaning and definition of evaluation in hindi”

  1. Sir mujhe b. Ed se related do question me problem hai…ek hai
    Sikhsha darshan ke adhyan ki aawsaykta par prakash dale. Aur dusra hai ….madhymik Sikhsha ki sarbhawmikran(USE) ki nitiyo par ek report present kare
    Sir if possible ho to plz aap help karna… I’ll be waiting for this
    Thank you

    Reply
    • ठीक हैं इसके उत्तर यदि हमारे पास मौजूद होंगे तो हम जरूर आपको जल्द ही उपलब्ध करा देंगे। आप निश्चिन्त रहे

      Reply
      • Sir mujhe evaluation full chapter ke notes mil skte .plzz sir agr possible h to plz share kre aapki bhut bhut meharbani hogi.I need in urgent.plz help me

        Reply
        • जी आपको मिल जायेंगे जल्द ही इसी ईमेल पर आपको फ़ोटो उपलब्ध करा दी जॉयेगी

          Reply
    • ठीक है आपको ईमेल के माध्यम से जल्द से जल्द हम पीडीएफ आपको हम उपलब्ध करा देंगे।

      Reply

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