समझदार व्यापारी और उसके साथी :: Moral story in hindi के क्रम में आज हम सभी पढेंगे समझदार व्यापारी और उसके साथी की कहानी। जहाँ पर हम यह जानेगे की यदि हम किसी भी चीज के लिए यदि दृढ़ और संकल्प कर ले तो हम हर कार्य को बहित ही आसानी से कर सकते है। इस कहानी को पढ़कर आपको बहुत ही अधिक प्रेरणा मिलेगी। इस कहानी का उपयोग आप सुबह की प्रार्थना में प्रेरक प्रसंग के रूप में भी कर सकते है। तो आइए शुरू करते है। और पढ़ते है – एक नई शिक्षाप्रद कहानी।
समझदार व्यापारी और उसके साथी :: Moral story in hindi

एक बार की बात हैं कि एक गाँव मे एक व्यापारी रहता था।एक वर्ष गांव में सुखा पड़ गया था। जिस वजह से व्यापारी को व्यापार करने में बहुत अधिक समस्या हो रही थी। वह बहुत ही घाटे में अपना जीवन यापन कर पा रहा था।साथ ही साथ उसका कुछ समय मे पैसा भी खत्म होने वेल्स था। इस वजह से उनसे यह निश्चय किया कि वह शहर जाकर व्यापार करे। परन्तु यह इतना सरल भी नही था। क्योंकि गांव और शहर के बीच मे एक बहुत बड़ा रेगिस्तान पड़ता था। जिसे पर कर पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल था।
व्यापारी ने बहुत सोचा और उसने अपने साथ चार और लोगो को शहर ले जाने के लिए तैयार किया। सभी लोग शहर जाने हेतु अपनी अपनी तैयारी शुरू कर दिए। उन्होंने अपने साथ बहुत सारा अनाज और पानी की व्यवस्था कर ली थी।उन्होंने तपती हुई गर्मी अपनई यात्रा आरम्भ की।
कुछ समय बाद उन्हें वह रेगिस्तान मिला। जिसके बाद वहां पर और गर्मी बढ़ने लगी। तब सभी लोगो ने यह निश्चय किया कि हम सभी लोग रात में सफर को तय करेंगे। और में कही पर आराम किया करेगे। जिससे हमारी यह यात्रा सुगम हो जॉयेगी।सभी लोग अब दिन में आराम करते और रात में सभी लोग यात्रा करते थे। यह क्रम कई दिनों तक चलता रहा। धीरे धीरे कई मिलो का सफर अब तय हो चुका था।
अब जिसका डर था वही हुवा। व्यापरी के पास जितना भी पानी था वह अब खत्म हो चुका था। अब सभी लोग परेशान थे कि बिना पानी के यात्रा करना बिलकुल भी नही सम्भव हैं। सभही लोग हताश होकर बैठ गए। परन्तु व्यापारी ने हार नही मानी। वह उठा और पानी की तलाश में निकल गया।
व्यापारी काफी दूर निकल चुका था । कुछ समय पश्चात उसने देखा कि उसको कुछ घास दिखाई दे रही थी। उसने सोचा कि यदि यहां पर घास उगी हैं। तो यहां पर पानी अवश्य होगा। उसने जल्दी से जाकर अपने साथियों को बुलाया।
सभी साथी अब उस जगह पर आ चुके थे। और फिर सभही लोग खुदाई करना चालू कर दिए। उन्होंने पाया कि जमीन में अब कुछ नमी हैं। और यह देख कर उनके मन मे और जिज्ञासा जगी। उन्होंने बड़ी लगन और मेहनत से गङ्ढे को खोदना चालू किया। कुछ समय बाद ही उन्हें पानी की प्राप्ति हो गयी।
सभी लोग पानी को देख कर बहुत ही ज्यादा खुश हुए। उन्होंने जमकर उस पानी से नहाया। साथ ही साथ थके हुए बैलों को भी नहलाया। और बैलों को पानी पिलाया। और दिन के समय मे वैसे भी यात्रा करना मुश्किल था। इस वजह से उन्होंने भोजन बनाया। सभी लोगो ने भोजन का लुफ्त उठा कर पूरे दिन विश्राम किया। उसके बाद रात होने पर पुनः यात्रा को प्रारम्भ किया।
Moral of this hindi short story – समझदार व्यापारी और उसके साथी कि यह कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती हैं। कि यदि हम किसी भी कार्य के प्रति दृढ़ और संकल्प कर लेते है। तो हम हमारा हर कार्य सफल हो सकता हैं।
फाइनल वर्ड –
आशा हैं कि हमारे द्वारा जो moral story in hindi के क्रम में समझदार व्यापारी और उसके साथी की कहानी उपलब्ध कराई गई हैं। वह आपको काफी पसंद आई होगी। यदि यह शिक्षाप्रद कहानी आपको पसन्द आयी हो। तो इसे अपने दोस्तों से जरूर शेयर करे। साथ ही साथ यदि आपके पास भी ऐसे कोई कहानियां है। तो हमे ईमेल में जरूर सेंड करे। हम आपके नाम के साथ उस कहानी को जरूर प्रकाशित करेंगे। धन्यवाद