पर्यावरण प्रदूषण पर निबन्ध , environment pollution essay in hindi :: पर्यावरण में किन्ही पदार्थों की अधिकता होने पर उसमे सन्तुलन की कमी आ जाती हैं। जिसे हम प्रदूषण के रूप में जानते है। आज हम इसी विषय मे चर्चा करेंगे। hindivaani आज आपको पर्यावरण प्रदूषण पर निबन्ध , environment pollution essay in hindi की जानकारी प्रदान करेगा। जिसके अंतर्गत आपको पर्यावरण प्रदूषण के कारण , पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ , पर्यावरण प्रदूषण के दुष्परिणाम, पर्यावरण प्रदूषण रोकने के उपाय आदि की जानकारी प्रदान की जाएगी।
पर्यावरण प्रदूषण पर निबन्ध , environment pollution essay in hindi

पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ –
मानव आजकल अपने स्वार्थ के लिए लगातार प्रकति का दोहन करता आ रहा हैं। और प्रकति के संरक्षण के लिए न के बराबर कदम उठाए जा रहे है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा हैं। पर्यावरण प्रदूषण को परिभाषित करने के लिए कहा जाए तो पर्यावरण में अपशिष्ट पदार्थों का बढ़ना , जिससे कि पर्यावरण का संतुलन बिगड़े। इसे ही हम पर्यावरण प्रदूषण के नाम से जानते है। पर्यावरण प्रदूषण के अंतर्गत कई प्रकार के प्रदूषण आते है। जैसे – जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण आदि।
पर्यावरण प्रदूषण के दुष्परिणाम –
आज कल के विभिन्न प्रकार के प्रदूषण होने के कारण इसके विभिन्न प्रकार के दुष्परिणाम भी हमे देखते को मिलते है। विश्व स्वास्थ्य संघठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत सहित विश्व के देश जैसे – अमेरिका , ब्राजील , चीन , आदि देशों में प्रति वर्ष वाई प्रदूषण की वजह से लाखों मौते होती हैं। यदि वर्ष 2030 तक हम परिवहन , इमारत और औद्योगिक क्षेत्रो में यदि ऊर्जा दक्षता के उपाय नही कर पाते है। तो यह परिणाम और भी भयावह हो जायेगे।क्योंकि पर्यावरण प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभाव मानव के स्वास्थ पर पड़ता हैं। वातावरण में घुली जहरीली गैसो की वजह से आजकल व्यक्तियों को सांस लेने तक मे दिक्कते होने लगी हैं।
पर्यावरण प्रदूषण के कारण –
पर्यावरण प्रदूषण के बहुत सारे कारण हैं। पर मुख्य रूप से कारणों की बात की जाए तो इनमे विभिन्न प्रकार की फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुवा हमारे वातावरण को बहुत ही ज्यादा दूषित करता हैं। और आजकल वनों की अधिक कटाई होने के कारण पेड़ो की संख्या कम होने के कारण इन जहरीली गैस का शोधन होना मुश्किल हो गया। जिससे प्रदूषण अधिक मात्रा में होता हैं। दूसरा मुख्य कारण की बात की जाए तो आजकल पालीथिन का उपयोग करना बहुत ही प्रचलन में है। पालीथिन की वजह से नालियां जाम पड़ जाती हैं। और जिससे पानी का बहाव नही होता हैं। जिससे जल प्रदूषण होता हैं। साथ ही साथ यदि पालीथिन भूमि में है। तो वह उसकी उर्वरा शक्ति को बहुत ही कम कर देती हैं।
पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय –
1.पर्यावरण प्रदूषण कोकम करने के लिए मुख्य रूप से एक स्वच्छ विकास प्रणाली का गठन किया जाना चाहिए।
2.पृथ्वी के बढ़ते हुए तापमान को कम करने के लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लानी चाहिए।
3.पर्यावरण प्रदूषण कम हो इसके लिए देशी तकनीकी से बने पदार्थों का उत्पादन और प्रयोग होना चाहिए।
4.हम सभी लोगो को अधिक से अधिक पेड़ो को लगाना चहुये साथ ही साथ उनका संरक्षण भी करना चाहिए।
5.विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के माध्यम से ऊर्जा और जल का संरक्षण और कचरा का अच्छे से प्रबंधन करना चाहिए।
उपसंहार –
पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए हम सभी को जागरूक होना अति आवश्यक हैं। इसके लिए यह जरूरी हैं। कि हम सभी लोग एकजुट होकर पर्यावरण के प्रति विभिन्न प्रकार के कार्यो को करे। ताकि यह पर्यावरण पहले की भांति अच्छा रहे। क्योंकि एक बात हमे हमेशा याद रखनी चाहिए यदि पर्यावरण अच्छा है। तो हम अच्छे है। यदि हम अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का हमेशा दोहन ही करते रहेंगे। तो एक दिन प्रकृति हमे निगल जाएगी।
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