शैवाल और कवक में अंतर ( Diffrences between algae and fungi in hindi :: बोर्ड परीक्षा में अक्सर कवक और शैवाल में अंतर हमेशा ही पूछा जाता हैं। इसिकिये आज hindivaani आप सभी के लिए कवक और शैवाल में अंतर आदि की जानकारी प्रदान करेगा। जिसके अंतर्गत आपको कवक किसे कहते है, शैवाल किसे कहते है, कवक के लक्षण क्या है, शैवाल के लक्षण क्या है,शैवाल और कवक में अंतर आदि की जानकारी प्रदान करेगा। ताकि यदि आपसे परीक्षा में यह पूछा जाए कि कवक और शैवाल में अंतर बताइए। तो इसका उत्तर आसानी से आप दे पाएंगे।
शैवाल और कवक में अंतर ( Diffrences between algae and fungi in hindi)

शैवाल किसे कहते हैं
शैवाल को साधारण भाषा में कई के नाम से भी जाना जाता है। शैवाल सामान्यतः नदी नालों, तालाब ,झीलों आदि में पाए जाते हैं।शैवाल की कुछ जातियां नम दीवारों और नम मिट्टी पर भी मिलती हैं।
शैवाल के साधारण लक्षण( Charactestics of algae)
शैवाल के लक्षण निम्नलिखित हैं।
- शैवाल सामान्य रूप से नदी ,झील ,तालाब तथा पौधों की छाल या पुरानी इमारतों के नाम दीवारों पर पाए जाते हैं।
- शैवाल को काई के नाम से भी जाना जाता हैं।
- समुद्री शैवाल की लंबाई लगभग 40 – 60 मीटर के बीच पाई जाती हैं।
- शैवाल में पर्णहरित उपलब्ध होता हैं। इस कारण से यह अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
कवक किसे कहते हैं ?(Fungi)
कवक सामान्य रूप से सड़े गले पदार्थो, अचार मुरब्बो , खाने की सामग्री, खाद व चमड़े आदि में पाए जाते है। कुछ कवक परवीजी के रूप में मनुष्य ,पौधों आदि को नुकसान भी पहुचाते हैं।
कवक के लक्षण ( characteristics of fungi )
कवक के लक्षण निम्नलिखित हैं।
- कवक में पर्णहरित नही पाया जाता हैं। जिस वजह से यह अपना भोजन स्वयं नही बनाते है। इन्हें परपोषी कहा जाता हैं।
- कवक का शरीर कवक जाल का बना होता हैं।
- कवक में भ्रूण का निर्माण नही होता हैं।
- कवक की कोशिका भित्ति सेलुलोस या काइटिन की बनी होती हैं।
कवक को निम्नलिखित तीन समुदायों में बांटा गया हैं।
- शाइजोमाइकोफाइटा
- मिक्सोमाइकोफाइटा
- यूमाइकोफाइटा
शैवाल और कवक में अंतर ( Diffrences between algae and fungi in hindi)
शैवाल और कवक में अंतर निम्नलिखित हैं।
शैवाल (Algae) | कवक(Fungi) |
शैवाल में पर्णहरित उपलब्ध होता हैं। | कवक में पर्णहरित उपलब्ध नही होता हैं। |
शैवाल अपना भोजन का निर्माण स्वयं करते है। | कवक अपने भोजन का निर्माण स्वयं नही करते हैं। इस वजह से इन्हें परपोषी कहते है। |
इनका बहुकोशिकीय शरीर मृदुतक कोशिकाओं का बना होता हैं। | कवक का शरीर आभासी मृदुतक का बना होता हैं। |
शैवाल की कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती हैं। | कवक की कोशिकाभित्ति कवक सेलुलोस अथवा काइटिन की बनी होती हैं। |
शैवाल अधिक प्रकाश में तेजी से बढ़ते हैं। | कवक अंधेरे में अधिक विकसित होते है। |
शैवाल में भोजन मण्ड के रूप में संचित होता हैं। | कवक में भोजन ग्लाइकोजन के रूप में संचित होता हैं। |
शैवाल के उदाहरण – यूलोथ्रिक्स,स्पाइरोगायरा | कवक के उदाहरण- म्युकर, राइजोपस आदि। |
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