बाल केंद्रित शिक्षण,child centred education in hindi :: बाल विकास एवं शिक्षण शास्त्र में एक महत्वपूर्ण टॉपिक हैं। जिसका नाम हैं – बाल केंद्रित शिक्षण,child centred education in hindi। आज हिंदीवानी आपको इसी विषय मे सही से जानकारी उपलब्ध कराएगा। जिसके अंतर्गत आपको बाल केंद्रित शिक्षण के सिद्धांत की जानकारी भी मिलेगी।
बाल केंद्रित शिक्षण,child centred education in hindi ::

बाल केंद्रित शिक्षा
प्राचीन काल में हम यह देखते थे ।कि बच्चों को शिक्षित करने का सिर्फ एक ही उद्देश्य होता था। कि उनके मस्तिष्क में कुछ जानकारियां भरना।किंतु आज की आधुनिक शिक्षा प्रणाली में बालक के सर्वांगीण विकास पर बल दिया जाता है।जिस वजह से बाल मनोविज्ञान की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।बाल केंद्रित शिक्षा के अंतर्गत हस्त गतिविधियों पर बल दिया जाता है।बाल केंद्रित शिक्षा के संदर्भ में गिजुभाई बधेका का योगदान उल्लेखनीय है।उन्होंने इसके संबंध में विशेष प्रकार की पुस्तकों की रचना की है।इसके अलावा जॉन डीवी ने बाल केंद्रित शिक्षा का समर्थन किया है ।जॉन डीवी द्वारा समर्पित लैब विद्यालय प्रगतिशील विद्यालय का उदाहरण है।
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बाल केंद्रित शिक्षा की विशेषताएं ::
बाल केंद्रित शिक्षा की विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
बालको को समझना ::
बालकों को शिक्षित करते समय शिक्षक को बालक के संबंध में उसके रुचियां ,योग्यताओं, व्यक्तित्व आदि का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए।क्योंकि शिक्षा का यह उद्देश्य होता है।कि उनके व्यवहार में परिवर्तन लाया जाए। अतः शिक्षा बालक की मूल प्रवृत्तियों, प्रेरणाओं और संवेगों पर आधारित होनी चाहिए।
शिक्षण विधि ::
शिक्षा ,मनोविज्ञान शिक्षण की विधियों का भी मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करता है।और उनमें सुधार के लिए उपाय बताता है।बाल केंद्रित शिक्षा में शिक्षण विधि को प्रयोग में लाते समय बाल मनोविज्ञान को ही आधार बनाया जाता है।
मूल्याकंन और परीक्षण ::
मूल्यांकन के माध्यम से शिक्षार्थी की प्रगति का पता चलता है ।शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापक और शिक्षक दोनों या जानना चाहते हैं ।कि उन्होंने कितनी प्रगति की है ।और किसी भी कार्य में उन्होंने कितनी सफलता हासिल की है या असफलता ।इन सभी प्रश्नों को सुलझाने हेतु मूल्यांकन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के परीक्षण और मापन की आवश्यकता होती है।
पाठ्यक्रम ::
समाज और व्यक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम का विकास व्यक्तिगत विभिन्नताओ परिणाम मूल्य एवं सीखने के सिद्धांतों के मनोवैज्ञानिक ज्ञान के आधार पर किया जाता है।
व्यस्थापन एवम अनुशासन ::
बाल केंद्रित शिक्षा के अंतर्गत विद्यालय में अनुशासन व्यवस्था बनाए रखने हेतु बाल मनोविज्ञान का सहारा लिया जाता है।उदाहरण के लिए हम देखे तो कभी-कभी कुछ शरारती बालकों में एक विशेष प्रकार की प्रतिभा दिखाई देती है।ऐसी परिस्थितियों ने शिक्षाको को उन्हें दबाने की अपेक्षा उन्हें बाहर निकालने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
प्रयोग एवम अनुसंधान ::
नई-नई परिस्थितियों में नई-नई समस्याओं को सुलझाने के लिए शिक्षक को स्वयं प्रयोग करते रहना चाहिए।और उनसे जो निष्कर्ष निकाले उसका उपयोग करना चाहिए।
कक्षा में समस्याओ का निदान और निराकरण ::
बाल केंद्रित शिक्षा के अंतर्गत कक्षा की विभिन्न प्रकार की समस्याओं को पहचानने एवम उनका निराकरण करने के लिए भी बाल मनोविज्ञान का ही सहारा लिया जाता है।
बाल केंद्रित शिक्षण के सिद्धांत
बाल केंद्रित शिक्षण के सिद्धांत निम्नलिखित हैं।
- प्रेरणा का सिद्धांत
- व्यक्तिगत अभिरुचि का सिद्धांत।
- लोकतांत्रिक सिद्धांत।
- सर्वांगीण विकास का सिद्धांत।
- चयन का सिद्धांत।
आशा हैं कि हमारे द्वारा दी गयी बाल केंद्रित शिक्षण,child centred education in hindi की जानकारी आपको पसन्द आयी होगी। यदि बाल केंद्रित शिक्षण,child centred education in hindi आपको पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों से जरूर शेयर करे।