औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा में अंतर(Diffrence between Formal education and informal education): शिक्षा केे साथ साथ शिक्षा के प्रकार के बारे में जनना बहुत जरूरी है। आज hindivaani शिक्षा के प्रकार ,औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा का अंतर के बारे में जानकारी प्रदान करेगा

औपचारिक शिक्षा
औपचारिक शिक्षा ऐसी जिसमें समय स्थान अध्यापन विधि एवं पाठ्यक्रम पूर्व निर्धारित रहता है। उस शिक्षा को औपचारिक शिक्षा कहते हैं।औपचारिक शिक्षा के अंतर्गत पूर्व निश्चित योजना के अनुसार बालक को नियंत्रित वातावरण में रखते हुए शिक्षा के संकुचित आत्मन, निश्चित उद्देश्य को प्राप्त किया जाता है।
संक्षेप में कह सकते हैं कि पूर्व योजना के अनुसार निश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए बालक को नियंत्रित वातावरण में रखते हुए निश्चित व्यक्ति द्वारा निश्चित पाठ्यक्रम निश्चित विधि द्वारा ,निश्चित स्थान पर निश्चित समय में दी जाने वाली शिक्षा औपचारिक शिक्षा है।औपचारिक शिक्षा विशेसकर विद्यालयों में प्रदान की जाती है। यह शिक्षा कृतिम एवं जटिल होती है।
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अनौपचारिक शिक्षा
ऐसी शिक्षा जोर जिसमें लचीले व्यवस्था होती है जो समुदाय की आवश्यकता पर नगर, ग्राम क्षेत्र के स्थानीय पृष्ठभूमि में बालकों को शिक्षित करती है।तथा स्थानीय परिवेश में प्रविष्ट समाजोपयोगी कार्य द्वारा जीवन उपयोगी व्यवस्था हेतु तैयार होती है।उसे अनौपचारिक शिक्षा देते हैं।
सरल शब्दों में कहा जाए तो ऐसी शिक्षा जहां में दैनिक जीवन की विभिन्न अनुभवों से प्राप्त होती है।उसे अनौपचारिक शिक्षा कहते हैं।अनौपचारिक शिक्षा की विशेषताएं अनौपचारिक शिक्षा जीवन से संबंधित होती है।अनौपचारिक शिक्षा के प्रमुख साधन परिवार , समाज तथा वातावरण आदि हैं।
अनौपचारिक शिक्षा मनुष्य के मूल प्रवृत्तियां तथा उसके रोज के जीवन पर निर्भर करती है।यह सुखद,सरल तथा मनोरंजन दायक है। यह शिक्षा मनुष्य अपने अनुभवों से लाभ उठाने की योग्यता पर निर्भर करती है। यह शिक्षा विकास को प्रभावित करती है।
औपचारिक शिक्षा और अनौपचारिक शिक्षा में अंतर(Diffrence between Formal education and informal education)
औपचारिक शिक्षा【Formal education】 | अनौपचारिक शिक्षा 【informal education】 |
औपचारिक शिक्षा का उद्देश्य सामान्य तथा आदर्शआत्मक होता है | अनौपचारिक शिक्षा का उद्देश वास्तविक विशिष्ट तथा समय अनुसार होता है। |
औपचारिक शिक्षा सामाजिक जीवन की मान्यता ,आदर्श तथा आवश्यकताओं का प्रतीक चिन्ह होता है। | अनौपचारिक शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति की आवश्यकता तथा समस्याओं की जानकारी तथा उनका समाधान होता है। |
औपचारिक शिक्षा का क्षेत्र व्यापक हैं। | अनौपचारिक शिक्षा का क्षेत्र सीमित होता है। |
औपचारिक शिक्षा वर्तमान ,अतीत तथा भावी जीवन की तैयारी है। | अनौपचारिक शिक्षा वर्तमान पर अधिक बल देती है। |
आचार्य शिक्षा का पाठ्यक्रम निश्चित होता है। | अनौपचारिक शिक्षा का पाठ्यक्रम सामाजिक वर्तमान तथा वर्तमान की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। |
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