अम्ल किसे कहते है (Acid in hindi) :: विज्ञान में बहुत से ऐसे टॉपिक हैं। जो प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा में बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते है। जिसे हिंदीवानी आपको धीरे धीरे आपको हर टॉपिक की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा रहा हैं। आज हम जो टॉपिक लेकर आये है। उसका नाम हैं – अम्ल किसे कहते है (Acid in hindi) . यह विज्ञान विषय का बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक हैं। इस टॉपिक के अंतर्गत हम आपको अम्ल किसे कहते है? , अम्ल वर्षा क्या है? अम्ल के प्रकार , अम्ल और उनके प्राकृतिक स्रोत आदि की जानकारी प्रदान की जॉयेगी।तो आइए पढ़ते हैं। – Acid in hindi
अम्ल किसे कहते है,अम्ल के प्रकार,Acid in hindi

अम्ल किसे कहते है ?
वे पदार्थ जो खट्टे होते हैं तथा नीले लिटमस को लाल कर देते हैं अम्ल कहलाते हैं।
इन पदार्थों को जब जल में घोला जाता है तो यह वियोजित होकर हाइड्रोजन आयन देते हैं।
वे अम्ल जो जीवित स्रोतों से प्राप्त होते हैं कार्बनिक अम्ल कहलाते हैं जैसे – एसिटिक अम्ल ,सिट्रिक अम्ल, मौलिक अम्ल।
वे अम्ल जो अजीवित स्रोतों से प्राप्त होते हैं खनिज अम्ल कहलाते हैं जैसे – हाइड्रो क्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल ,सल्फ्यूरिक अम्ल।
अम्लों के प्रकार –
अम्लों को चार भागों में बांटा गया हैं। जो कि निम्नलिखित हैं।
हाइड्रो अम्ल ( Hydroacids) – ऐसे अम्ल जिनमे ऑक्सीजन नहीं होती है।किंतु इसके अतिरिक्त हाइड्रोजन के साथ अन्य अधात्विक तत्व होते हैं। हाइड्रो अम्ल कहलाते हैं।
जैसे – हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ( HCL) , हाइड्रोफलुओरिक अम्ल ( HF) , हाइड्रोब्रोमिक अम्ल ( HBr) आदि।
आक्सी अम्ल ( oxiacids) – ऐसे अम्ल जिनमे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के साथ साथ अन्य दूसरे तत्व भी उपस्थित होते है , आक्सी अम्ल कहलाते है।
जैसे – सल्फ्यूरिक अम्ल, फास्फोरस क्लोरस अम्ल , नाइट्रिक अम्ल ।
प्रबल अम्ल ( Strong acids ) – वे अम्ल जो जलीय विलयन में पूर्ण रूप में आयनित होते है। प्रबल अम्ल कहलाते है ।
जैसे – HCL
दुर्बल अम्ल ( Weak acids ) – वे अम्ल जो जलीय विलयन में आंशिक रूप से आयनित होते है। दुर्बल अम्ल कहलाते है।
जैसे – एसिटिक अम्ल , फार्मिक अम्ल , कार्बोनिक अम्ल आदि।
अम्लों के गुणधर्म –
अम्लों के गुणधर्म निम्नलिखित हैं।
- अम्ल विद्युत के सुचालक होते हैं।
- अम्लीय अधिक सक्रिय धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन मुक्त करते हैं।
- अम्ल , धातु कार्बोनेटो तथा धातु बाइकार्बोनेटो से अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस मुक्त करते हैं।
- अम्ल क्षार कों के साथ क्रिया करके लवण और जल बनाते है।
- अम्लों की प्रकृति संक्षारक होती हैं।
- अम्ल स्वाद मे खट्टे होते हैं।
- अम्ल जल में विलय होते हैं।जब किसी अम्ल को जल में घोला जाता है। तो उसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है। तथा विलियन का ताप बढ़ जाता है।उत्पन ऊष्मा की मात्रा अम्ल की प्रकृति पर निर्भर करती है। प्रबल अम्लों को जल में घुलने पर अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न में होती है। अतः प्रबल अम्ल को तनु करने के लिए उन्हें कभी भी जल नहीं मिलाते हैं।बल्कि जल में हम लोग को धीरे-धीरे मिलाते हैं।
अम्ल में जलना –
प्रबल अम्लों को तनु करने के लिए सदैव हम लोग को धीरे-धीरे जल में मिलाना चाहिए। जल को अम्लों में नहीं क्योंकि यह यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है। जिस कारण अम्ल में जल मिलाने पर छलक कर बाहर गिर जाता है।तथा हमें हानि पहुंचा सकता है।अतः हमारे कपड़ों या शरीर पर गिरने के कारण यह गंभीर रूप से जला सकता है।
अम्ल वर्षा क्या हैं ?
साधारण वर्ष में जल में में वायुमंडल की कार्बन डाइऑक्साइड घुलने के कारण इसकी pH सामान्यतः 5.6 होती है।जो वर्षा के जल में H + आयन मुक्त करता है।
- जब अन्य अम्लों की उपस्थिति के कारण वर्षा जल का pH मान 5 से कम हो जाता हैं। तो ऐसी वर्षा को अम्ल वर्षा कहा जाता हैं।
- जब वातावरणीय वायु में सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड जैसे – नाइट्रस आक्साइड या नाइट्रिक ऑक्साइड वर्षा के जल में घुल जाते है। एवम का निर्माण करते हैं। जिससे अम्लीय वर्षा के रूप में होती हैं।
- अम्ल वर्षा में मृदा की मृदा की अम्लता बढ़ जाती है। जिससे पादप व जंतु जगत को हानि होती है। अम्ल वर्षा में त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है आज की संभावना रहती है संभावना रहती है त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है में त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है आज की संभावना रहती है संभावना रहती है त्वचा रोग दमा आज की संभावना रहती है संभावना रहती है की संभावना रहती है।
- मृदा व पानी के अम्लीय होने से उपज पर वहां के जीव-जंतुओं तथा वनस्पतियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
अम्ल और उनके स्रोत
अम्ल | प्राकृतिक स्रोत |
सिट्रिक अम्ल | खट्टे फलों ,नींबू ,नारंगी टमाटर |
एसिटिक अम्ल | फलों के रसों में ,सुगंधित तेलों में |
लैक्टिक एसिड | दूध ,दही |
फार्मिक एसिड | लाल चींटी ,बर्रों, बिच्छू में |
सल्फ्यूरिक अम्ल | कशिश का तेल |
नाइट्रिक अम्ल | सोरा |
बेंजाइक अम्ल | घास पत्ते व मूत्र |
आकसैलिक अम्ल | सारेल के वृक्ष |
मैलिक अम्ल | सेब केला संतरे का छिलका आलू गाजर |
टार्टरिक अम्ल | अंगूर कच्चे आम इमली |
एस्कार्बिक अम्ल | आंवला खट्टे फलों |
अम्लों के उपयोग –
अम्लों के उपयोग निम्नलिखित हैं।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल व्यवसायिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं नीचे इन के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा कर रहे हैं।
1.हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के उपयोग क्लोराइड तथा क्लोरीन गैस बनाने में
2.कलई से पहले लोहे की चादरों को साफ करने के लिए
3.वस्त्र का उद्योग में रंगने के लिए।
नाइट्रिक अम्ल के उपयोग –
1.उर्वरक विस्फोटक रंग तथा औषधी बनाने के लिए।
सल्फ्यूरिक अम्ल के उपयोग –
1.उर्वरक धावन सोडा प्लास्टिक कृत्रिम रेशे बनाने में। पेट्रोलियम उद्योगों में शोधन के लिए
2.लैड बैटरी में।
फाइनल वर्ड –
आशा हैं कि हमारे द्वारा दी गयी अम्ल किसे कहते है (Acid in hindi) की जनाकारी आपको काफी पसन्द आयी होगी। यदि आपको अम्ल किसे कहते है (Acid in hindi) की जनाकारी पसन्द आयी हो। तो इसे अपने दोस्फो से जरूर शेयर करे। साथ ही साथ हमे कॉमेंट बॉक्स में लिख कर यह भी जानकारी जरूर दे कि आपको आगे कौन सा टॉपिक पढ़ना चाहेंगे। धन्यवाद