सीटेट में संस्कृत भाषा का काफी महत्व है। इसको एक किनारे रख कर आप अच्छे नम्बर नही प्राप्त कर सकते है। इसके लिए यह जरूरी है की आप इसे शुरुवाती स्तर पर आपको hindivaani संस्कृत भाषा मे स्वर और व्यजनों जे बारे में अवगत कराएगा।

स्वर–
भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है। और जिन वर्णों को बोलने के लिए किन्ही अन्य वर्ण की आवयश्कता नही होती है। उन्हें स्वर कहते है ।
स्वर के प्रकार –
स्वर के तीन प्रकार होते है।
(1) हृस्व स्वर
(2) दीर्घ स्वर
(3) प्लुत स्वर
हृस्व स्वर- जिन वर्णों को बोलने में एक मात्रा का समय लगता है। उन्हें हृस्व स्वर कहते है। इनकी संख्या पाँच है।इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है। जो निम्न है।
जैसे- अ, इ, उ, ऋ तथा लृ
दीर्घ स्वर– जिन वर्णों के उच्चारण में दो मात्रा का समय लगता है। उन्हें दीर्घ स्वर कहते है।इनकी संख्या आठ है। जो निम्न है।
जैसे- आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, और औ
प्लुत स्वर– जिन वर्णों के उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय लगता है। उन्हें प्लुत स्वर कहते है।
जैसे- ओ ३, राम ३ आदि
|अयोगवाह, अयोगवाह वर्ण, अयोगवाह in hindi , अयोगवाह वर्ण किसे कहते है, संस्कृत में अयोगवाह वर्ण कितने होते ह, अयोगवाह कितने होते है, स्वर, स्वर के प्रकार, स्वर के भेद, स्वरों की संख्या, व्यं के प्रकार, व्यंजनोंोों की संख्या कितनी है, swar , swar ke prakar, swaro ki sankhya, vyanjno ki sankhya|
व्यंजन –
जिन वर्णो को बोलने के लिए स्वरों की साहयता लेनी पड़ती है। उन्हें व्यजन कहते है।
व्यञ्जन के प्रकार–
व्यंजन के चार प्रकार होते है।
स्पर्श व्यंजन- जिन वर्णों के उच्चारण के समय जिव्हा मुख के विभिन्न स्थानों को स्पर्श करती है।उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते है। इनकी संख्या 25 होती है।
कवर्ग- क् ख् ग् घ् ङ्
चवर्ग- च् छ् ज् झ् ञ्
टवर्ग- ट् ठ् ड् ढ् ण्
तवर्ग- त् थ् द् ध् न्
पवर्ग- प् फ् ब् भ् म्

अंतस्थ व्यंजन- इनकी संख्या चार होती है। जो निम्न है।
जैसे- य् र् ल् व्
उष्ण व्यंजन- इनकी भी संख्या चार होती है। जो निम्न है।
जैसे- श् ष् स् ह्
संयुक्त व्यंजन- दो व्यंजनों के संयोग से बने वर्णों को व्यंजन कहते है।
जैसे- क्ष=क्+ष
ज्ञ=ज्+ञ
त्र=त्+र
आयोगवाह किसे कहते है ?
जो व्यंजन ना तो स्वर होते है और न ही व्यंजन उसे ही अयोगवाह कहते है। अर्थात अनुस्वार और अनुनासिक को अयोगवाह कहते है।इनकी संख्या दो है।
उदाहरण- अं ,अः
अयोगवाह, अयोगवाह वर्ण, अयोगवाह in hindi , अयोगवाह वर्ण किसे कहते है, संस्कृत में अयोगवाह वर्ण कितने होते ह, अयोगवाह कितने होते है, स्वर, स्वर के प्रकार, स्वर के भेद, स्वरों की संख्या, व्यंजन के प्रकार, व्यंजनों की संख्या कितनी है, swar , swar ke prakar, swaro ki sankhya, vyanjno ki sankhya|
आशा है की हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अछि लगी होगी अगर यह जानकारी आपको अछि लगे तो इसे जरूर शेयर करे।
इसे भी पढ़े-
uptet free pdf notes in hindi / uptet subject wise study material notes in hindi
निवेदन
यदि आप ऐसी ही अन्य विषय की जानकारी चाहते है। तो हमारे फेसबुक और टेलीग्राम चैनल को जरूर जॉइन कर ले। क्योंकि Hindivaani किसी भी प्रकार को सामग्री साझा करने से पहले कोई भी जानकारी इन प्लेटफार्म में सबसे पहले उपलब्ध कराती हैं।इसीलिए नीचे हम आपको फेसबुक और टेलीग्राम चैनल की लिंक उपलब्ध करा रहे है। जिसे आप जरूर जॉइन कर ले।
ऋ hasv or derg dono ma kaisa aa sakta h