विकास की अवधारणा और अधिगम से संबंध(concept of development and relationship with learning)

विकास की अवधारणा और अधिगम से संबंध(concept of development and relationship with learning) – विकास की अवधारणा और अधिगम के साथ इसका सम्बन्ध Ctet के लिए एक महत्वपूर्ण टॉपिक हैं। इसीलिए आज hindivaani विकास की अवधारणा , विकास की परिभाषाये , विकास की अवस्था, विकास के आधार आदि के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।

विकास की अवधारणा और अधिगम से संबंध(concept of development and relationship with learning)

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विकास की अवधारणा

विकास का तात्पर्य बालक के कद काठी तथा भार में परिवर्तन होने से नहीं है।विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जो धीमे-धीमे परिपक्वता की ओर बढ़ती है।इसमें प्रगति निहित होती है।अतः निश्चित परिवर्तनशील प्रगति को भी विकास माना जाता है।

बालक का विकास सदा एकीकृत होता है।विकास की वैसे तो अनेक पक्ष होते हैं।जितमे से शारीरिक ,सामाजिक ,मानसिक व संवेगात्मक आदि प्रत्येक पक्ष में अलग अलग अंगों एवम शक्तियों का विकास होता हैं।

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विकास का अर्थ

पूरे शरीर की आकृति या रूप में परिवर्तन ही विकास कहलाता है।वास्तव में विकास संपूर्ण अभिवृद्धियों का संगठन है।इसी के कारण ही बालके की कार्यक्षमता और कुशलता में प्रगति होती हैं।जैसे – पैरों में वृद्धि, हाथों में वृद्धि का सामूहिक रूप ही शरीरिक विकास कहलाता हैं।

विकास की परिभाषा ( Definition of development)

विकास की परिभाषा निम्नलिखित हैं।

मुनरो के अनुसार विकास की परिभाषा

” परिवर्तन , शृंखला की वह अवस्था , जिसमे बालक भ्रूणावस्था से लेकर प्रौढावस्था तक गुज़रता हैं, विकास कहा जाता हैं।”

टायलर के अनुसार विकास की परिभाषा

” विकास एक दिशा की ओर जाने वाला मार्ग हैं”

हरलॉक के अनुसार विकास की परिभाषा

” विकास अभिवृद्धि तक ही सीमित नहीं है।इसमें प्रौढ़ावस्था के लक्ष्य की ओर परिवर्तनों का प्रगतिशील क्रम निहित रहता है।विकास के कारण व्यक्ति में नवीन विशेषताएं एवं धारणाएं विकसित होती हैं।”

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विकास के आधार

विकास के दो आधार है।

  1. वंशानुक्रम
  2. वातावरण

वंशानुक्रम – बालक के शारीरिक व मानसिक गुण माता-पिता के साथ साथ अन्य पूर्वजों से भी प्राप्त होते हैं।इसी को हम वंश परंपरा, अनुवांशिकता, वंशानुक्रम आदि नाम देते हैं।वंशानुक्रम का प्रभाव शरीर व मन दोनों पर दिखाई देता है।विभिन्न प्रकार के प्रयोग द्वारा यह प्राप्त हुआ है।कि विकास की प्रक्रिया में वंशानुक्रम महत्वपूर्ण आधार है।

वातावरण – मनोवैज्ञानिकों द्वारा किए गए विभिन्न प्रकार के प्रयोगों द्वारा यह पता चला है।कि बालक के विकास के प्रत्येक पहलू में भौगोलिक, सामाजिक ,सांस्कृतिक वातावरण का प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण व वातावरण में ऐसी शक्तियां निहित होती हैं।जिससे मां के गर्भाधान कि तुरंत बाद से ही बालक प्रत्यय और विकास को वातावरण प्रभावित करता हैं।

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विकास की अवस्थाएं

विकास की अवस्था में विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिकों में विशेष प्रकार का मतभेद पाया जाता है।कुछ विद्वानों द्वारा दिया गया वर्गीकरण निम्नलिखित है।

  1. शैशवास्था (1-5 वर्ष)
  2. बाल्यावस्था ( 5-12 वर्ष)
  3. किशोरावस्था ( 12 -18 वर्ष )

विकास के विभिन्न आयाम या पक्ष

विकास के विभिन्न अवस्था में व्यक्ति के विकास के निम्नलिखित पक्ष माने जाते हैं

  1. शारीरिक विकास
  2. मानसिक विकास
  3. सामाजिक विकास
  4. संवेगात्मक विकास
  5. नैतिक व चारित्रिक विकास

शारीरिक विकास व अधिगम में सम्बन्ध – शरीरिक विकास से आशय बालक के बाहरी ढांचे में परिवर्तन जैसे – ऊँचाई , शारीरिक अनुपात, भर आदि में होने वाला परिवर्तन और आंतरिक अंगों में होने वाले परिवर्तन जैसे – स्नायु संस्थान, श्वशन संस्थान आदि प्रकर के परिवर्तनों से है।

मानसिक विकास व अधिगम में सम्बन्ध – बालक के मानसिक योग्यता व क्षमता में होने वाले परिवर्तन अर्थात वृद्धि को मानसिक विकास कहते हैं। इसके अंतर्गत बालक की संवेदना ,कल्पना ,स्मरणशक्ति, वृद्धि, विचार ,परीक्षण आदि आते है।

सामाजिक विकास व अधिगम में सम्बन्ध-सामाजिक विकास से आशय सामाजिक संबंधों में परिपक्वता प्राप्त करने से है सामाजिक विकास का लक्ष्य बालक में सामाजिकता लाना हैं। इसके अंतर्गत बालक में सहानुभूति, सहयोग, सद्भभावना, परोपकार आदि की भावना लाना हैं।

संवेगात्मक विकास व अधिगम में सम्बन्ध – संवेग से तात्पर्य एक ऐसी आत्म निष्ठ भाव की अवस्था से है।जिससे कुछ शारीरिक उत्तेजना पैदा होती है।और फिर उसमें खास खास व्यवहार होते हैं।

चारित्रिक विकास या नैतिक विकास व अधिगम में सम्बन्ध – नैतिकता के अंतर्गत ऐसे व्यवहारों का उदय होना हैं। जिससे बालक में उचित अनुचित का ज्ञान हो सकता हैं। नैतिकता अच्छाई या बुराई का ज्ञान कराती हैं।

आशा है कि हमारे द्वारा दी गई विकास की अवधारणा और अधिगम से संबंध की जानकारी आपको काफी पसंद आई होगी।यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो।तो इसे अपने दोस्तों से जरूर शेयर करें।

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